एक दूरदराज के गाँव में एक राजनेता का भाषण था।
करीब 25 मील के सड़क प्रवास के पश्चात जब वो सभा स्थल पर पहुँचे तो देखा कि
वहाँ सिर्फ एक किसान उन्हें सुनने के लिए बैठा हुआ था।
उस अकेले को देख नेताजी निराश भाव से बोले:
भाई, तुम तो एक ही हो।
समझ नहीं आता, अब मैं भाषण दूँ या नहीं ?
किसान बोला:
साहब, मेरे घर पर 20 बैल हैं।
मैं उन्हें चारा डालने जाऊँ और वहाँ एक ही बैल हो तो
बाकी 19 बैल नहीं होने के कारण क्या उस एक बैल को उपवास करा दिया जाए?
किसान का बढ़िया जवाब सुन नेताजी खुश हो गए
और फिर मंच पर जाकर उस एक किसान को 2 घंटे तक भाषण दिया।
भाषण ख़त्म होने पर नेताजी बोले:
भाई, तुम्हारी बैलों की उपमा (उदहारण) मुझे बहुत पसंद आई।
तुम्हें मेरा भाषण कैसा लगा?
किसान ने जवाब दिया:
साहब, 19 बैलों की गैरहाजिरी में 20 बैलों का चारा एक ही बैल को नहीं डालना चाहिए,
इतनी अक्ल मुझमे है। लेकिन आप में नहीं है।
''नेता जी बेहोश''
Thursday, December 31, 2015
20 बैलों का चारा एक ही बैल को नहीं डालना चाहिए
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