Saturday, November 18, 2017

दादी की कहानी से

एगो रही राजकुमारी उनकर होत रहे बियाह। बिदाई घड़ी उनकर माई समझवली रास्ता मे कुछ बोलिह मत काहे से की राजकुमारी तुतला के बोलत रही।

उन करा साथे एगो सेविका भेज देली।रस्ता मे कुछ अराम करे खातीर डोली रुकल।

ओहीजा खुूब तितली उड़त रहे राजकुमारी के बरदास्त ना भईल त बोल देली...

टिटली टिटली हऊ डेख टिटली

त सेविका कहली

टुप रहीं टुप रहीं ना ट राजा ठुन लिहें।

तब राजा कहले

बोले डी बोले डी इन कर बोलिया बड़ी ठुहावन लागटा।

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