नोएडा के एक फाइवस्टार हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने पेशेंट को तुरंत बायपास सर्जरी करवाने की सलाह दी......
पेशेंट बहुत नर्वस हो गया किंतु तुरंत तैयारी में लग गया.....
ऐसे वक्त थोडा संयम रखकर सैकेंड ओपीनियन लेना ज्यादा ठीक होता.....
ऑपरेशन के पहले वाले सारे टेस्ट हो जाने के बाद डॉक्टर की टीम ने बजट बताया....18 लाख.......
जो कि पेशेंट और परिवार वालों को बहुत ही ज्यादा लगा...
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लेकिन....
"जान है तो जहान है"....
यह सोचकर वह फॉर्म भरने लगा...
फार्म भरते भरते व्यवसाय का कॉलम आया...
आपरेशन की टेंशन....और रूपये के इंतजाम की उधेड़बुन में....
ना जाने क्या सोचते सोचते या पता नहीं किस जल्दबाजी में.....
उसने उस काॅलम के आगे "C.B.I." लिख दिया....
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और फिर.....
अचानक हॉस्पिटल का वातावरण ही बदल गया...
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डॉक्टरों की दुसरी टीम चेकअप करने आयी....
रीचेकिंग हुई....
टेस्ट दोबारा करवाए गए....
और.....
टीम ने घोषित किया कि ऑपरेशन की जरूरत नहीं है......मेडिसिन खाते रहिये ब्लाकेज निकल जायेगा....
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पेशेंट को रवाना करने से पहले तीन महीने की दवाइयाँ फ्री दी गई और चैकअप और टेस्ट फीस में भी जबरदस्त 'डिस्काउँट' दिया गया....
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इस बात को छः महीने हो गये....
पेशेन्ट अब भला चंगा है....
कभी कभी उस हाॅस्पीटल में चैकअप के लिये चला जाता है....
उस दिन के बाद उसका चैकअप भी फ्री होता है....और बिना चाय पिलाये तो डाॅक्टर आने ही नहीं देते...
पेशेंट बहुत खुश है हाॅस्पीटल के इस व्यवहार से ...
गाहे बगाहे लोगो के आगे इस अस्पताल की तारीफ करता रहता है....
पर कई बार ये सोच कर बहुत हैरान होता है कि...15 साल हो गये उसे नौकरी करते....
पर....
"Central Bank of India" का एम्प्लॉई होने की वजह इतनी इज्जत.....इतना सम्मान तो उसके परिवार वालों ने कभी नहीं दिया....जैसे वो अस्पताल वाले उसे सर पर बैठाए रखते हैं....
🤔🤔
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