Saturday, March 9, 2019

रे मन जूता राखिये

रे मन जूता राखिये, पालिश से चमकाय।
न जाने किस बैठक में, लेन-देन हुई जाय.

जूता संसदीय है ,संसद में चलता है.‬
‪ये अस्त्र बगैर लाइसेंस के मिलता है.‬

‪पैरों में पहना तो पैरों का गहना है,‬
‪हाथों में आये तो फिर क्या कहना है.‬

‪जूते और आदमी का दोतरफा रिश्ता निकलता है.
‪कभी आदमी जूते पर, कभी जूता आदमी पे चलता है.
           
इतना तो मजनू भी नहीं पिटा था लैला के  प्यार में,
जितना विधायक जी पिट गए अपनी सरकार में !!

मेरा_बूट_सबसे_मज़बूत

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